विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते है ? उदाहरण और Vismyadibodhak Ke Prakar

विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते है ? उदाहरण और Vismyadibodhak Ke Prakar

आइए अब हम बात करते है Vismayadi Bodhak Avyay के बारे में तो सबसे पहले अब हम विस्मयादिबोधक बोधक अव्यय के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं । विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में जानेंगे ।  तो आइए अब हम Vismayadibodhak Avyay Kise Kahate Hai जानेंगे और देखेंगे विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा - वाक्यों में पाए जाने वाले ऐसे शब्द जिनके कारण आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि भाव उत्पन्न होते हैं तो ये विस्मयादिबोधक कहलाते हैं । इन शब्दों के बाद विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) को लगाया जाता है । जैसे:- अरे ! ओह ! शाबाश ! काश ! आदि । उदाहरण :- 1) अरे ! आप आ गए । 2) हे राम ! कोई मदद करो । 3) ओह !  मैं जल्दी आ गया ।


Vismyadi Bodhak Avyay Ke Prakar

आइए अब हम बात करते है Vismyadi Bodhak Avyay Ke Prakar के बारे में तो विस्मयादि-बोधक अव्यय के निम्नलिखित प्रकार होते है :- 1) शोकबोधक   (Shok Bodhak ) ,2) तिरस्कारबोधक   ( Tiraskar Bodhak ) ,3) स्वीकृतिबोधक   ( Swikrati Bodhak ) ,4) विस्मयादिबोधक   ( Vismyadi Bodhak ) ,5) संबोधनबोधक   ( Sambodhan Bodhak ) ,6) हर्षबोधक   ( Harsh Bodhak ) ,7) भयबोधक   ( Bhay Bodhak ) ,8) आशीर्वादबोधक   ( Ashirvad Bodhak ) ,9) अनुमोदनबोधक   ( Anumodan Bodhak ) ,10) विदासबोधक   ( Vidas Bodhak ) ,11) विवशताबोधक   ( Vivashta Bodhak ) । इन 11 प्रकारों में अब हम सबसे पहले प्रथम प्रकार के बारे में देखते हैं - 1)  शोकबोधक की परिभाषा :- वाक्यों में ऐसे शब्द जिनसे दया, करुणा, शोक का भाव उत्पन्न होता है । जैसे कि :- हे राम ! बाप रे बाप ! ओह ! उफ़ ! हाय ! आदि शब्द पाए जाते हैं, वहां शोक बोधक होता है । उदाहरण :- 1) हे राम : यह बड़ी दुखद घटना है । 2) हाय! सोहन बचपन में ही जेल चला गया ।

2) तिरस्कार-बोधक की परिभाषा :- जब वाक्यों में ऐसे शब्द का प्रयोग किया जाता है, जिससे तिरस्कार होता है या अपमान होता है । उन्हें तिरस्कार बोधकबोधक अव्यय शब्द कहा जाता है । जैसे कि :- छि: !  थू - थू ! धिक्कार ! हट ! धिक् ! धत ! चुप ! आदि इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो ऐसे शब्द तिरस्कारबोधक कहलाते हैं । उदाहरण :- 1) छि: ! तुम गंदे लड़के हो । 2) चोरी करते हो अत: तुम पर धिक्कार ! है ।

3) स्वीकृति- बोधक की परिभाषा - वाक्यों में ऐसे अव्यय शब्द जिनकी सहायता से अनुमति प्रदान की जाती है, उन्हें स्वीकृति बोधक शब्द कहा जाता है । जैसे कि :-   अच्छा !  ठीक !  हाँ !  जी हाँ !  बहुत अच्छा !  जी ! आदि इस तरह के शब्दों का प्रयोग जिन वाक्यों में किया जाता है वे स्वीकृतिबोधक कहलाते हैं । उदाहरण - 1) अच्छा ! यहां जाना मना है । 2) जी हाँ! मैं ही मोहन हूं ।

4) विस्मयादि-बोधक की परिभाषा :- वाक्य में कुछ ऐसे अव्यय शब्द होते हैं, जिन्हें देखकर हम आश्चर्य हो जाते हैं. इन अद्भुत शब्दों को विस्मयादि-बोधक शब्द कहते है । जैसे कि - अरे ! क्या ! ओह ! सच ! हैं ! ऐ ! ओहो ! वाह ! इन प्रकार के शब्दों से हैरानी का भाव उत्पन्न होता है, जिस कारण से इन्हें विस्मयादिबोधक शब्द कहा जाता है । उदाहरण :- 1) अरे ! ऐसा कैसे हो गया । 2)अरे ! आप कहा थे ? 3)क्या ! तुम सच में चोरी करते हो ।

5) संबोधनबोधक की परिभाषा :- जब वाक्यों में कुछ ऐसे अव्यय शब्द पाए जाते हैं, जिससे संबोधन किया जाए । जैसे कि :- हो ! अजी ! ओ ! रे ! री ! अरे ! अरी ! हैलो ! ऐ! आदि तो ऐसे शब्द से संबोधन बोधक कहलाते हैं । उदाहरण - 1) अजी ! क्या कर रहे हो । 2) अरे ! मेरी बात सुनो । 3) हैलो ! आप कौन हो ?

6) हर्ष-बोधक की परिभाषा - वाक्यों में जब उत्साहवर्धक अव्यय शब्द पाए जाते है तो वहां हर्ष बोधक होता है । जैसे कि :- वाह -वाह ! धन्य ! अति सुन्दर ! अहा ! शाबाश ! ओह ! आदि इस प्रकार के शब्दों के जरिए हर्ष उत्पन्न होता है, जिस कारण इन्हें हर्ष बोधक कहा जाता है । उदाहरण :- 1) अहा ! यह बहुत अच्छा हुआ। 2) शाबाश ! तुमने यह कर दिखाया। 3) वाह ! तुम परीक्षा में पास हो गए ।

7) भयबोधक की परिभाषा :- वाक्यों में कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जो डर की भावना को दर्शाते हैं, उन्हें भायबोधक कहा जाता है । जैसे कि :- बाप रे बाप ! , ओह ! , हाय ! राम , उई माँ ! , त्राहि – त्राहि जैसे शब्दों से भय का बोध होता है । उदाहरण :- 1) हाय ! राम,  अब तुम्हारा क्या होगा ? 2) उई माँ! मै गिर गई । 3) बाप रे बाप ! सांप निकला है ।

8) आशिर्वाद-बोधक की परिभाषा :- वाक्य में जब कुशल- मंगल शब्दों से युक्त अव्यय शब्द का प्रयोग किया जाता है, वहां आशीर्वाद बोधक होता है । जैसे कि- जीते रहो ! खुश रहो ! सदा सुखी रहो ! दीर्घायु हो इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग जहां होता है, वहां पर आशीर्वाद बोधक पाया जाता है । उदाहरण:- 1) सदा खुश रहो ! पुत्र . 2) जीते रहो ! जल्दी शादी हो .

9) अनुमोदनबोधक की परिभाषा :- वाक्य में पाए जाने वाले हैं ऐसे अव्यय शब्द, जिनमें अनुमति प्रदान की जाती है, उन्हें अनुमोदन बोधक कहा जाता है । अनुमोदनबोधक वे अव्यय शब्द होते हैं जो वाक्य में अनुमति या सहमति की भावना व्यक्त करते हैं। ये शब्द वाक्य के भावार्थ को सकारात्मक रूप में व्यक्त करते हैं और किसी बात को मान्यता या स्वीकृति देने का कार्य करते हैं। जैसे कि "हाँ," "बहुत अच्छा," "अवश्य," आदि। उदाहरण स्वरूप, वाक्य "अवश्य! आप जा सकते हैं" में 'अवश्य' शब्द द्वारा अनुमति प्रदान की जाती है। इसी प्रकार, "बहुत अच्छा! मुझे तुम पर भरोसा है" में 'बहुत अच्छा' शब्द व्यक्ति की सहमति और प्रसन्नता को दर्शाता है। इसी तरह, "हां, तुम जरूर जीतोगे" में 'हां' शब्द द्वारा विश्वास और समर्थन की भावना व्यक्त की जाती है। इन शब्दों का प्रयोग वाक्य की भावनात्मक स्थिति को उजागर करता है और संवाद में सहमति या प्रोत्साहन को दर्शाता है। जैसे कि - हाँ ! बहुत अच्छा ! अवश्य ! आदि इस तरीके के शब्द अनुमोदन बोधक कहलाते हैं । उदाहरण :- 1) अवश्य ! आप जा सकते है । 2) बहुत अच्छा ! मुझे तुम पर भरोसा है । 3) हां । तुम जरूर जीतोगे ।

10) विदासबोधक की परिभाषा - ऐसे अव्यय शब्दों से युक्त वाक्य, जिनमें विदाई की भावना का पता चले, ऐसे शब्दों को विदासबोधक कहते हैं । विदासबोधक वे अव्यय शब्द होते हैं जो वाक्य में विदाई की भावना को प्रकट करते हैं। ये शब्द संवाद में संक्षिप्त और सीधे तौर पर विदाई देने का कार्य करते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि व्यक्ति या समूह बातचीत समाप्त करने या अलविदा कहने वाला है। सामान्यतः ऐसे शब्द जैसे "अच्छा," "अच्छा जी," और "टा-टा" विदाई के भाव को व्यक्त करते हैं। उदाहरण स्वरूप, वाक्य "मैं जा रहा हूं। टाटा!" में 'टा-टा' शब्द विदाई का संकेत देता है। इसी तरह, वाक्य "अच्छा! अब हम कल मिलते हैं" में 'अच्छा' शब्द बातचीत की समाप्ति और अगले मुलाकात की योजना को दर्शाता है। इन शब्दों का प्रयोग संवाद के अंत को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है और यह दर्शाता है कि संवाद समाप्त हो चुका है और अब व्यक्ति या समूह विदा ले रहा है। जैसे कि :-  अच्छा ! अच्छा जी ! टा -टा ! आदि इस प्रकार के शब्दों से विदाई के भाव का पता चलता है । उदाहरण :- 1) मैं जा रहा हूं । टाटा ! 2) अच्छा ! अब हम कल मिलते है ।

11) विवशता-बोधक की परिभाषा :- जब वाक्य में ऐसे अव्यय शब्द देखने को मिले, जिनमें लाचारी का भाव हो तो वे विवशता बोधक शब्द कहलाते है । विवशता-बोधक वे अव्यय शब्द होते हैं जिनका प्रयोग वाक्य में लाचारी, अफसोस, या निराशा की भावना व्यक्त करने के लिए किया जाता है। ये शब्द आमतौर पर ऐसी स्थितियों में उपयोग होते हैं जहाँ व्यक्ति अपनी असमर्थता या कठिनाई को व्यक्त करना चाहता है। सामान्यतः "काश," "कदाचित," और "हे भगवान" जैसे शब्द विवशता और असहायता को दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए, वाक्य "काश! मैं हवा में उड़ पाता" में 'काश' शब्द व्यक्ति की एक अभिलाषा और उसकी असमर्थता को व्यक्त करता है। इसी प्रकार, "हे भगवान! मैं परीक्षा में पास क्यों नहीं होता हूँ" में 'हे भगवान' शब्द निराशा और अन्यमनस्कता को दिखाता है। वाक्य "मैंने चोरी नहीं की है, कदाचित आपको गलतफहमी है" में 'कदाचित' शब्द किसी प्रकार की मजबूरी या आशंका को प्रकट करता है। इन शब्दों के माध्यम से व्यक्ति अपनी विवशता, खेद या आशंका को संप्रेषित करता है और अपनी भावनात्मक स्थिति को स्पष्ट करता है। जैसे कि :- काश ! कदाचित  ! हे भगवान ! इस प्रकार के शब्दों से विवशता की भावना का पता चलता है । उदाहरण :-1) काश! मैं हवा में उड़ पाता । 2) हे भगवान! मैं परीक्षा में पास क्यों नहीं होता हूं । 3) मैंने चोरी नहीं कि है कदाचित आपको गलतफहमी है ।

Vismyadi Bodhak Kise Kahte Hai

उपरोक्त खंडों में हमने जान लिया है कि Vismyadi Bodhak Kise Kahate Hai तो विस्मयादिबोधक अव्यय ऐसे अव्यय शब्द होते हैं जिनका प्रयोग वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, या अन्य भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। ये शब्द वाक्य में उन भावनाओं को प्रकट करते हैं जो व्यक्ति के आंतरिक अनुभव और प्रतिक्रिया को दर्शाती हैं। विस्मयादिबोधक अव्यय आमतौर पर विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) के साथ प्रयोग किए जाते हैं, जो कि भावनात्मक उत्कटता को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, 'अरे!', 'ओह!', 'वाह!', और 'क्या!' जैसे शब्द विस्मयादिबोधक होते हैं और ये किसी भी अप्रत्याशित घटना या स्थिति पर व्यक्ति की चकित या आश्चर्यजनक प्रतिक्रिया को व्यक्त करते हैं । आशा करते है कि आपको इनके विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे शोकबोधक, तिरस्कारबोधक, स्वीकृतिबोधक, हर्षबोधक, भयबोधक, आशीर्वादबोधक, अनुमोदनबोधक, विदासबोधक, और विवशताबोधक। प्रत्येक प्रकार की विशिष्ट भावनात्मक स्थिति को व्यक्त करने के लिए अलग-अलग अव्यय शब्दों का प्रयोग किया जाता है । उम्मीद करते है की आपको समझ आ रहा होगा ।

Vismyadi Bodhak

अब हम बात करते है Vismyadi Bodhak के बारे में तो उदाहरण के तौर पर, 'हे राम!' और 'हाय!' जैसे शब्द शोकबोधक हैं जो दुःख या करुणा की भावना को व्यक्त करते हैं। इसी तरह, 'वाह!' और 'शाबाश!' हर्षबोधक शब्द हैं जो खुशी और उत्साह को प्रकट करते हैं। 'अरे!' और 'क्या!' विस्मयादिबोधक शब्द हैं जो आश्चर्य या चकित होने की भावना को दर्शाते हैं । आइए अब हम बात करते है रस (Ras)रस (Ras) के बारे में तो आपको विस्मयादि बोधक अव्यय के बाद रस को पढ़ना चाहिए । तो यहां Vismyadi Bodhak के इन शब्दों का सही और प्रभावी उपयोग संवाद के भावनात्मक तत्वों को अधिक स्पष्ट और प्रभावशाली बना सकता है, जिससे संवाद की गहराई और अर्थवत्ता को समझा जा सकता है। विस्मयादिबोधक अव्यय न केवल भाषा की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि बातचीत में भावनात्मक रंग भी जोड़ते हैं । हम उम्मीद करते है की आपको Vismyadi Bodhak समझने में आसानी हुई होगी ।

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