विकारी और अविकारी शब्द । Vikari Avikari Kise Kahate Hai
विकारी शब्द परिभाषा और विशेषताएँ :- विकारी शब्द वे शब्द होते हैं, जिनका रूप वाक्य में प्रयुक्त संदर्भ के आधार पर बदलता है। ये परिवर्तन लिंग, वचन, कारक, काल, और पुरुष के आधार पर होते हैं। विकारी शब्द मुख्यतः संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रिया होते हैं। हिंदी में, जब हम किसी शब्द का रूप वाक्य में उसकी भूमिका के अनुसार बदलते हैं, तो उसे विकारी शब्द कहते हैं। आइए अब हम विकारी शब्द के प्रकार और उदाहरण देखते है :-
1. संज्ञा (Nouns):- संज्ञाओं में लिंग, वचन, और कारक के आधार पर रूप परिवर्तन होता है।
लिंग: संज्ञा शब्द पुरुष (पुल्लिंग) और स्त्री (स्त्रीलिंग) लिंग के आधार पर बदलते हैं। जैसे, 'लड़का' और 'लड़की'।
वचन: संज्ञाओं का रूप एकवचन और बहुवचन में बदलता है। जैसे, 'घर' (एकवचन) और 'घरों' (बहुवचन)।
कारक: संज्ञाओं का रूप कर्ता, कर्म, संप्रदान आदि कारकों के आधार पर बदलता है। जैसे, 'राम' (कर्ता) और 'राम को' (संप्रदान कारक)।
2. सर्वनाम (Pronouns):- सर्वनाम भी लिंग, वचन, और कारक के आधार पर बदलते हैं। उदाहरण के लिए, 'मैं' (एकवचन), 'हम' (बहुवचन), 'तू' (द्वितीय पुरुष), और 'वे' (तीसरे पुरुष)।
3. विशेषण (Adjectives):- विशेषण भी संज्ञा के लिंग और वचन के अनुसार बदलते हैं। जैसे, 'बड़ा आदमी' (पुल्लिंग), 'बड़ी लड़की' (स्त्रीलिंग), 'बड़े आदमी' (बहुवचन)।
4. क्रिया (Verbs):- क्रियाएं काल और पुरुष के आधार पर बदलती हैं। जैसे, 'खाना' (वर्तमान काल, 'खाता हूँ'), 'खाया' (भूतकाल), और 'खाएगा' (भविष्यत काल)।
1. संज्ञा का उदाहरण :-
- लड़का (लड़के), लड़की (लड़कियों)
- घर (घरों), स्कूल (स्कूलों)
- नदी (नदियों), पर्वत (पर्वतों)
2. सर्वनाम का उदाहरण :-
- मैं (हम), तू (तुम), वह (वे)
- इसका (इसकी, इसके), उसका (उसकी, उसके)
3. क्रिया का उदाहरण :-
- जाना (जाता हूँ, जाती है, गया, जाएगा)
- पढ़ना (पढ़ता हूँ, पढ़ती है, पढ़ा, पढ़ेगा)
- खाना (खाता हूँ, खाती है, खाया, खाएगा)
4. विशेषण का उदाहरण :-
- बड़ा (बड़ी, बड़े)
- अच्छा (अच्छी, अच्छे)
- लंबा (लंबी, लंबे)
Vikari shabd ke udaharan
विकारी शब्द के अन्य 10 उदाहरण :-
1. किताब (किताबें, किताबें)
- वाक्य: यह किताब बहुत रोचक है।
- वर्णन: "किताब" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (किताबें, किताबें)।
2. लड़का (लड़के)
- वाक्य: वह लड़का मेरे दोस्त का भाई है।
- वर्णन: "लड़का" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (लड़के)।
3. पंखा (पंखे)
- वाक्य: कमरे में तीन पंखे लगे हैं।
- वर्णन: "पंखा" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (पंखे)।
4. नदी (नदियाँ)
- वाक्य: गंगा एक प्रमुख नदी है।
- वर्णन: "नदी" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (नदियाँ)।
5. महिला (महिलाएं)
- वाक्य: महिला कार्य करती है ।
- वर्णन: "महिला" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (महिलाएं)।
6. कुर्सी (कुर्सियाँ)
- वाक्य: कमरे में चार कुर्सियाँ रखी हैं।
- वर्णन: "कुर्सी" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (कुर्सियाँ)।
7. कुत्ता (कुत्ते)
- वाक्य: कुत्ता भौंक रहा है।
- वर्णन: "कुत्ता" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (कुत्ते)।
8. गाड़ी (गाड़ियाँ)
- वाक्य: यह गाड़ी बहुत तेज़ है।
- वर्णन: "गाड़ी" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (गाड़ियाँ)।
9. फल (फलों)
- वाक्य: ये फल बहुत ताजे हैं।
- वर्णन: "फल" एक विकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन के अनुसार बदलता है (फलों)।
10. संतरा (संतरे)
- वाक्य: संतरा विटामिन सी का अच्छा स्रोत है।
- वर्णन: "संतरा" एक विकारी शब्द है क्योंकि इस
का रूप वचन के अनुसार बदलता है (संतरे)।
अविकारी शब्द परिभाषा और विशेषताएँ :- अविकारी शब्द वे शब्द होते हैं जिनका रूप किसी भी संदर्भ में नहीं बदलता। ये शब्द लिंग, वचन, काल, और कारक के आधार पर स्थिर रहते हैं। अविकारी शब्दों में कोई भी रूप परिवर्तन नहीं होता, और ये हमेशा एक ही रूप में रहते हैं। अविकारी शब्दों में क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, और विस्मयादिबोधक शब्द शामिल होते हैं।आइए अब हम अविकारी शब्द के प्रकार देखते है :-
1. क्रिया-विशेषण (Adverbs):- क्रिया-विशेषण शब्द क्रिया को विशेषता देते हैं और इनमें कोई रूप परिवर्तन नहीं होता। जैसे, 'जल्दी', 'धीरे', 'अच्छे से', 'खुशी से'।
2. संबंधबोधक (Conjunctions):- ये शब्द वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ते हैं और इनमें रूप परिवर्तन नहीं होता। जैसे, 'और', 'या', 'परंतु', 'किंतु'।
3. समुच्चयबोधक (Interjections):- ये शब्द भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को व्यक्त करते हैं और स्थिर रहते हैं। जैसे, 'अरे', 'अहा', 'वाह', 'हे'।
4. विस्मयादिबोधक (Exclamatory):- ये शब्द विस्मय, आश्चर्य, और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। जैसे, 'ओह', 'हे भगवान', 'हाय'।
1. क्रिया-विशेषण का उदाहरण :-
- जल्दी, धीरे, अक्सर, बहुत
- सही, गलत, यहां, वहां
2. संबंधबोधक का उदाहरण :-
- और, लेकिन, किंतु, या
- या तो, न कि, परंतु
3. समुच्चयबोधक का उदाहरण :-
- अरे, आह, ओह, वाह
- हे, अरे, वाह, हाय
4. विस्मयादिबोधक का उदाहरण :-
- ओह, अहा, वाह, हाय ।
अविकारी शब्द वे होते हैं जिनका रूप बदलता नहीं है, अर्थात् इनमें कोई वचन, लिंग, या कारक परिवर्तन नहीं होता।
Avikari shabd ke udaharan
अविकारी शब्द के 10 उदाहरण -
1. सभी
- वाक्य: सभी लोग समय पर पहुँचे।
- वर्णन: "सभी" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलता है।
2. बहुत
- वाक्य: बहुत गर्मी है आज।
- वर्णन: "बहुत" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप किसी प्रकार से बदलता नहीं है।
3. कुछ
- वाक्य: कुछ लोग देर से आए।
- वर्णन: "कुछ" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलता है।
4. अभी
- वाक्य: वह अभी यहाँ है।
- वर्णन: "अभी" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप किसी प्रकार से बदलता नहीं है।
5. इसलिए
- वाक्य: मैं देर से आया, इसलिए माफी चाहता हूँ।
- वर्णन: "इसलिए" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलता है।
6. सिर्फ
- वाक्य: मैंने सिर्फ एक सवाल पूछा।
- वर्णन: "सिर्फ" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप किसी प्रकार से बदलता नहीं है।
7. यथार्थ
- वाक्य: यथार्थ की खोज आवश्यक है।
- वर्णन: "यथार्थ" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलता है।
8. नहीं
- वाक्य: मुझे यह नहीं चाहिए।
- वर्णन: "नहीं" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप किसी प्रकार से बदलता नहीं है।
9. कभी
- वाक्य: वह कभी यहाँ आता है।
- वर्णन: "कभी" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलता है।
10. जरूरी
- वाक्य: यह काम जरूरी है।
- वर्णन: "जरूरी" एक अविकारी शब्द है क्योंकि इसका रूप वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलता है।
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विकारी और अविकारी शब्द हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अंग हैं और ये भाषा के संरचनात्मक विविधता को दर्शाते हैं। विकारी शब्द अपनी आकृति और रूप को संदर्भ के अनुसार बदलते हैं, जबकि अविकारी शब्द स्थिर रहते हैं और रूप में कोई परिवर्तन नहीं करते। इन शब्दों की समझ से हम वाक्यों की सही संरचना और अर्थ को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकते हैं। हिंदी भाषा की इस जटिलता को समझना और इसका सही उपयोग करना भाषा के अध्ययन और प्रवीणता में सहायक होता है।