क्रिया किसे कहते है ? उदाहरण और Kriya Ke Prakar
क्रिया के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया। सकर्मक क्रिया वह होती है जिसमें क्रिया के साथ एक वस्तु का संबंध होता है, जैसे 'लिखना' (जिसमें हम कुछ लिखते हैं) जबकि अकर्मक क्रिया वह होती है जिसमें केवल क्रिया ही होती है और कोई वस्तु संदर्भित नहीं होती, जैसे 'सोना'। प्रयोग के आधार पर, क्रिया के 11 प्रकार होते हैं: संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया, मूल क्रिया, नामिक क्रिया, समस्त क्रिया, सामान्य क्रिया, सहायक क्रिया, सजातीय क्रिया, और विधि क्रिया। संयुक्त क्रिया वह होती है जो दो या अधिक क्रियाओं के संयोग से बनती है, जबकि नामधातु क्रिया वह है जिसमें क्रिया के साथ एक विशेष धातु जुड़ा होता है। प्रेरणार्थक क्रिया वह होती है जो किसी क्रिया को प्रेरित करती है, और पूर्वकालिक क्रिया वह है जो किसी पूर्वकाल की स्थिति को व्यक्त करती है।
मूल क्रिया वह है जो आधारभूत क्रिया का रूप होती है, जबकि नामिक क्रिया वह होती है जो किसी विशेष नाम के आधार पर होती है। समस्त क्रिया वह होती है जिसमें विभिन्न क्रियाओं का समावेश होता है, और सामान्य क्रिया वह होती है जो सामान्य क्रियात्मक गतिविधियों को व्यक्त करती है। सहायक क्रिया वह होती है जो मुख्य क्रिया को समर्थन प्रदान करती है, सजातीय क्रिया वह होती है जो समान क्रियात्मक गुणों को दर्शाती है, और विधि क्रिया वह होती है जो किसी विधि या तरीका को व्यक्त करती है। इन विभिन्न प्रकार की क्रियाओं का प्रयोग वाक्य में विभिन्न क्रियात्मक परिप्रेक्ष्य और अर्थ प्रदान करता है, जिससे भाषा की विविधता और समृद्धि बढ़ती है। जैसे- पढ़ना, लिखना, खाना, पीना, सोना, जाना आदि । 1) मैं पढ़ना चाहता हूं । 2) उसे क्रिकेट खेलना पसंद है । विश्लेषण:- पढ़ना और खेलना दोनों ही क्रिया शब्द है और इनके अंत में "ना" शब्द जुड़ा हुआ होता है ।
Kriya Ke Prakar
आइये अब हम क्रिया के प्रकार के बारे में बात करते हैं , Kriya Ke Prakar को देखे तो यह कर्म के आधार पर क्रिया के 02 भेद(प्रकार) होते हैं लेकिन प्रयोग के आधार पर क्रिया के 11 भेद(प्रकार) होते हैं . कर्म के आधार पर 2 प्रकार :- 1) सकर्मक क्रिया , 2) अकर्मक क्रिया और प्रयोग के आधार पर 11 प्रकार :- 1) संयुक्त क्रिया. , 2) नामधातु क्रिया. , 3) प्रेरणार्थक क्रिया. , 4) पूर्वकालिक क्रिया. , 5) मूल क्रिया. , 6) नामिक क्रिया. , 7) समस्त क्रिया. , 8) सामान्य क्रिया. , 9) सहायक क्रिया. , 10) सजातीय क्रिया. , 11) विधि क्रिया .
अब सबसे पहले हम कर्म के आधार पर 2 प्रकार के क्रिया देखेंगे और फिर उसके बाद हम प्रयोग के आधार पर 11 प्रकार के क्रिया देखेंगे :-
1) सकर्मक क्रिया की परिभाषा - जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है उसे सकर्मक क्रिया कहा जाता है अर्थात जिस वाक्य में कर्म मौजूद हो उसे सकर्मक क्रिया कहा जाता है । यह दो प्रकार के होते हैं- i) एक कर्मक सकर्मक क्रिया. , ii) द्विकर्मक क्रिया . आइये अब हम एक कर्मक क्रिया और द्विकर्मक क्रिया को देखते है . i) एक कर्मक क्रिया की परिभाषा :- जिस सकर्मक वाक्य में केवल एक ही कर्म होता है, वे एक कर्मक क्रिया कहलाती हैं अर्थात जब वाक्य में क्रिया के साथ अकेला एक ही कर्म प्रयोग में हो तो उसे एककर्मक क्रिया कहा जाता हैं। उदाहरण - 1) राम मोबाइल देखता है। 2) नौकरानी झाड़ू लगाती है। इन उदाहरणों में मोबाइल और झाड़ू कर्म हैं। 'देखता' तथा 'लगाती' क्रिया है जिसका असर सीधे कर्म पर पड़ रहा है । इन दोनों वाक्यों में सिंगल कर्म है। अतः यहाँ एक कर्मक सकर्मक क्रिया है। ii) द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा:- द्विकर्मक अर्थात दो कर्मो से बना हुआ । जिस वाक्य में एक साथ दो कर्म होते हैं, वो द्विकर्मक सकर्मक क्रिया कहलाते हैं । उदाहरण :- 1) मोहन पेड़ में चढ़कर वीडियो बना रहा है । विश्लेषण- यहां पर एक साथ दो काम (कर्म), पहला काम पेड़ में चढ़ने का है तो दूसरा काम वीडियो बनाने का है । दो कर्म एक वाक्य में होने के कारण यह द्विकर्मक सकर्मक क्रिया होगी । साथ ही इस वाक्य में "चढ़कर" और "बना" यह दोनों ही क्रिया है । 2) कविता झाड़ू और पोछा लगा रही है । विश्लेषण- इस वाक्य में दो कर्म अर्थात पहला काम झाड़ू लगाने का और दूसरा काम पोछा लगाने का हो रहा है । इस वाक्य में दो कर्म है, इसलिए यह द्विकर्मक क्रिया वाला वाक्य है ।
2) अकर्मक क्रिया की परिभाषा :- ऐसे काम जिन्हें करने के लिए कर्म की आवश्यकता नहीं पड़ती है, उन्हें अकर्मक क्रिया कहा जाता है अर्थात जिन वाक्यों में कर्म नहीं पाया जाता उन्हें अकर्मक क्रिया कहा जाता है । उदाहरण :- 1) मोहन चढ़ गया । विश्लेषण:- इस वाक्य में कोई भी कर्म(काम) नहीं बताया जा रहा है कि मोहन किस पर चढ़ रहा है या फिर मोहन चढ़कर क्या करने वाला है । इस वजह से इस वाक्य में कर्म की प्रधानता नहीं है । अतः यह अकर्मक क्रिया वाला वाक्य है । ii) कविता ने लगा दिया । विश्लेषण - कविता ने क्या काम(कर्म) किया है । इस वाक्य से स्पष्ट नहीं हो रहा है, वाक्य में कर्म मौजूद नहीं है । इस वजह से यह अकर्मक क्रिया वाला वाक्य है ।
ऊपर हमने कर्म के आधार पर 2 प्रकार के क्रिया देख चुके है और अब हम प्रयोग के आधार पर 11 प्रकार के क्रिया देखेंगे , सरंचना या प्रयोग के आधार पर क्रिया 11 प्रकार के होते है :-
1) संयुक्त क्रिया की परिभाषा - जब दो या दो से अधिक क्रिया वाले शब्दों से वाक्य बने तो उसे संयुक्त क्रिया कहते है । दूसरे शब्दों में- दो या दो से ज्यादा क्रिया वाले शब्द मिलकर जब किसी एक पूर्ण वाक्य का निर्माण करते है, तो ऐसे वाक्यों में संयुक्त क्रिया पाए जाते है । जैसे- 1) श्याम जब भी गांव घर जाता है तो रोता है । विश्लेषण:- इस वाक्य में जाता और रोता दो क्रिया पाए गए हैं । 2) मोहन क्रिकेट खेलना छोड़कर लौट आया । विश्लेषण:- इस वाक्य में खेलना, छोड़ना, लौटना, आना चार क्रिया पाए गए हैं ।
2) नामधातु क्रिया की परिभाषा :- संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों को बदलकर जब क्रिया बनाया जाए तो वहां नामधातु क्रिया पाया जाता है । उदाहरण - आइए अब हम नाम धातु क्रिया बनाते है , संज्ञा से नाम धातु क्रिया बनाना :- शर्म - शर्माना , लोभ - लुभाना, बात - बतियाना , झूठ - झुठलाना , लात - लतियाना . सर्वनाम से नाम धातु क्रिया बनाना :- अपना - अपनापन , विशेषण से नाम धातु क्रिया बनाना :- सठ - सठियाना , तोतला - तुतलाना , नरम - नरमाना , गरम - गरमाना .
3) प्रेरणार्थक क्रिया की परिभाषा - जब कर्ता स्वयं किसी कार्य को नहीं करता है लेकिन दूसरों को कार्य करने की प्रेरणा देता है वहां प्रेरणार्थक क्रिया पाया जाता है । कहने का तात्पर्य है कि यदि किसी को देखकर, सुनकर, समझकर, डरकर हमें कोई कार्य करने की प्रेरणा मिलती है तो वहां पर प्रेरणार्थक क्रिया पाया जाता है । उदाहरण - 1) मोहन ने नौकर को कार साफ करने को कहा । विश्लेषण:- मोहन के कहने से नौकर कार साफ करने लगा, यहां पर करना एक प्रेरणार्थक क्रिया है । 2) शिक्षक ने गृह कार्य करने के लिए दिया है । विश्लेषण :- छात्रों को शिक्षक ने गृह कार्य करने के लिए दिया है, यहां पर भी छात्र शिक्षक के कहे अनुसार कार्य कर रहे हैं, जिस वजह से यहां पर करना प्रेरणार्थक क्रिया है ।
4) पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा:- जिस वाक्य में मूल क्रिया के पहले भी कोई क्रिया लग जाए, उसे पूर्वकालिक क्रिया कहा जाता है । सामान्य तौर पर पूर्वकालिक क्रियाओं में कर शब्द जुड़ा हुआ होता है . उदाहरण - 1) श्याम ने नहाकर पूजा किया । विश्लेषण:- इस वाक्य में किया एक क्रिया है लेकिन इस क्रिया के पहले भी नहाकर वाली क्रिया का प्रयोग हो चुका है इसलिए "नहाकर" पूर्वकालिक क्रिया कहलाएगा । 2) ललित घर पहुँचकर फोन करता है । विश्लेषण:- इस वाक्य में "करता" एक क्रिया है लेकिन इस क्रिया के पहले "पहुंचकर" वाला भी एक क्रिया का प्रयोग हो चुका है, जिस वजह से पहुंचकर वाली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहा जाएगा ।
5) मूल क्रिया की परिभाषा- जो क्रिया एक ही धातु से बनी हुई होती है, उसमें अन्य धातु या शब्द जुड़े हुए नहीं होते हैं, उन्हें मूल क्रिया कहा जाता है । यह क्रिया का मूल रूप होता है । जैसे- चलना, पढ़ना, लिखना, आना, बैठना, रोना, सोना, घूमना, खेलना इत्यादि ऐसे ही क्रियाएँ हैं। उदाहरण:- 1) मोहन पत्र लिखा । 2) रमेश घर आया ।
6) नामिक क्रिया की परिभाषा - क्रिया के साथ यदि संज्ञा और विशेषण जैसे शब्दों को भी साथ लगाया जाए तो उन्हें नामिक क्रिया कहा जाता है । उदाहरण - दिखाई देना, दाखिल होना, सुनाई पड़ना, साथ चलना आदि । कभी-कभी इन्हे मिश्र क्रिया भी कहा जाता है ।
7) समस्त क्रिया की परिभाषा:- ऐसे शब्द जो दो क्रियाओं से मिलकर बने हुए होते हैं उन्हें समस्त क्रिया कहा जाता है । यह शब्द तो एक ही होते हैं लेकिन इनमें दो क्रियाओं का उपयोग किया जाता है । जैसे- खेलकूद, उठबैठ, चलफिर, मारपीट, कहसुन यह सभी ऐसे शब्द है जो दो क्रियाओं से मिलकर के बने हुए हैं ।
8) सामान्य क्रिया की परिभाषा- जब किसी वाक्य में सामान्य रूप से एक ही क्रिया का प्रयोग हुआ हो तो उसे सामान्य क्रिया कहा जाता है । जैसे- मोहन पढ़ता है। विश्लेषण:- इस वाक्य में सिर्फ एक ही क्रिया "पढ़ता" का प्रयोग हुआ है ।
9) सहायक क्रिया की परिभाषा- ऐसे सहायक क्रिया जो मूल क्रियाओं के साथ प्रयोग में लाए जाते हैं उन्हें सहायक क्रिया कहा जाता है । अंग्रेजी में इन्हें helping verb कहा जाता है । जैसे- 1) वह फिसला था। 2) वह फिसल गया है। 3) वह फिसल गया था। विश्लेषण:- उपर्युक्त तीनों वाक्यों में 'फिसलना' मूल क्रिया दिया गया। पहले वाक्य में क्रिया एक शब्द की है- 'फिसला'। दूसरे वाक्य में क्रिया दो शब्द की है- 'फिसल गया'। 'गया है' सहायक क्रिया है। इसी प्रकार तीसरे वाक्य में 'गया था' सहायक क्रिया है। हिन्दी के शब्दों में चल, पड़, रुक, आ, जा, उठ, दे, बैठ, बन आदि शब्दों का प्रयोग सहायक क्रिया के रूप में कर लिया जाता है ।
10) सजातीय क्रिया की परिभाषा- जब कुछ अकर्मक और सकर्मक क्रियाओं के साथ उनके धातु की बनी भाववाचक संज्ञा का प्रयोग किया जाता है तो उन्हें सजातीय क्रिया कहते हैं । जैसे- 1) राजाओं ने लड़ाई लड़ी । 2) मोहन ने खाना खाया । 3) श्याम लिखाई लिख रहा है । विश्लेषण- यहां देख सकते हैं कि जिस क्रिया का प्रयोग हो चुका है, उसी क्रिया का प्रयोग दोबारा किया जा रहा है ।
11) विधि क्रिया की परिभाषा- ऐसे वाक्य जिनमें आज्ञा वाचक शब्द का प्रयोग किया जा रहा है तो ऐसे वाक्यों में पाए जाने वाले क्रियाओं को विधि क्रिया कहा जाता है । जैसे- 1) मोहन यहाँ चले जाओ । 2) तुम अपना काम करते रहो ।
Kriya kise kahate hai
क्रिया के विभिन्न प्रकारों को उनके प्रयोग के आधार पर भी वर्गीकृत किया गया है। इनमें संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया, मूल क्रिया, नामिक क्रिया, समस्त क्रिया, सामान्य क्रिया, सहायक क्रिया, सजातीय क्रिया, और विधि क्रिया शामिल हैं। संयुक्त क्रिया तब बनती है जब दो या दो से अधिक क्रियाओं का संयोग होता है, जैसे "श्याम जब भी गांव घर जाता है तो रोता है"। नामधातु क्रिया वह होती है जिसमें संज्ञा, सर्वनाम, या विशेषण के आधार पर क्रिया बनाई जाती है, जैसे 'शर्म' से 'शर्माना'। प्रेरणार्थक क्रिया तब होती है जब कर्ता स्वयं किसी कार्य को नहीं करता लेकिन दूसरों को कार्य करने की प्रेरणा देता है, जैसे "मोहन ने नौकर को कार साफ करने को कहा"। पूर्वकालिक क्रिया वह होती है जिसमें कोई क्रिया पहले से ही की जाती है, जैसे "श्याम ने नहाकर पूजा किया"। मूल क्रिया वह होती है जिसमें क्रिया का आधारभूत रूप होता है, जैसे 'चलना' और 'पढ़ना'। नामिक क्रिया में क्रिया के साथ संज्ञा या विशेषण जुड़ते हैं, जैसे 'सुनाई पड़ना'। समस्त क्रिया दो क्रियाओं से मिलकर बनती है, जैसे 'खेलकूद'। सामान्य क्रिया में एक ही क्रिया का प्रयोग होता है, जैसे 'मोहन पढ़ता है'। सहायक क्रिया वह होती है जो मूल क्रिया के साथ प्रयोग होती है, जैसे 'वह फिसल गया है'। सजातीय क्रिया में अकर्मक और सकर्मक क्रियाओं के धातु की बनी भाववाचक संज्ञा का प्रयोग होता है, जैसे 'राजाओं ने लड़ाई लड़ी'। विधि क्रिया वह होती है जिसमें आज्ञा वाचक शब्द का प्रयोग होता है, जैसे 'तुम अपना काम करते रहो'।
Kriya Ke Udaharan
आइये अब हम क्रिया से सम्बंधित 20 उदहारण देखते हैं . जो कि निम्नलिखित हैं :- 1. पढ़ना (मूल क्रिया) , 2. लिखना (मूल क्रिया) , 3. खाना (मूल क्रिया) , 4. पीना (मूल क्रिया) , 5. सोना (मूल क्रिया) , 6. जाना (मूल क्रिया) , 7. मोहन ने खाना खाया (सकर्मक क्रिया) , 8. राहुल सो गया (अकर्मक क्रिया) , 9. शिव ने किताब पढ़ी (सकर्मक क्रिया) , 10. सपना (अकर्मक क्रिया) , 11. लक्ष्मी नहाकर पूजा करती है (पूर्वकालिक क्रिया) , 12. रमेश ने गाना गाया (सकर्मक क्रिया) , 13. सुमन घर पहुंची (अकर्मक क्रिया) , 14. शिव जाता है और मीरा आती हैं (संयुक्त क्रिया) , 15. शिक्षक ने छात्रों को समझाया (प्रेरणार्थक क्रिया) , 16. सुमित ने फोटो खींची (सकर्मक क्रिया) , 17. आम पक गई (अकर्मक क्रिया) , 18. मोहन दौड़कर आया (पूर्वकालिक क्रिया) , 19. रूबी ने कहानी सुनाई (सकर्मक क्रिया) , 20. सोनू ने गाना गाया और नाचा (संयुक्त क्रिया) . उपरोक्त सभी Kriya Ke Udaharan हैं . क्रिया के बाद आपको विशेषण(Visheshan) के बारे में बताया जाएगा । इन विभिन्न प्रकार की क्रियाओं के विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि क्रिया भाषा में न केवल कार्यों को व्यक्त करती है बल्कि वाक्य की अर्थवत्ता और संरचना को भी निर्धारित करती है। क्रिया के इन विभिन्न प्रकारों को समझकर, हम भाषा के विभिन्न पहलुओं को अधिक प्रभावी ढंग से व्यक्त और समझ सकते हैं .