तत्सम और तद्भव शब्दो के बारे में संपूर्ण जानकारी -
तत्सम और तद्भव दो हिंदी शब्द हैं, जो संस्कृत से उत्पन्न हुए हैं। तत्सम शब्द वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए होते हैं जैसे - सूर्य, चन्द्र, कर्म, विद्या, आम्र आदि। इन शब्दों का रूप संस्कृत से आये होते हैं।
तद्भव शब्द वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से हिंदी में आए होते हैं लेकिन उनमें कुछ वर्णों या ध्वनियों का परिवर्तन हो जाता है। ये शब्द वाक्यों में उपयोग में आते हैं जैसे - गंगा, भारत, धरती , रंग आदि। इनके शब्द रूप संस्कृत से उत्पन्न होते हैं।
Tatsam Shabd Aur Tadbhav Shabd
तत्सम - तद्भव क्या है ?
देखिए तत्सम शब्द और तद्भव शब्द, दोनो शब्दो का ही सीधा संबंध संस्कृत भाषा से है । इस लेख में हम आपको तत्सम और तद्भव शब्दो से संबंधित सभी जानकारियां देने जा रहे है । आज इस लेख को पढ़ने के बाद आपको तत्सम और तद्भव से संबंधित सभी डाउट क्लियर हो जायेंगे ।
तत्सम क्या है ?
तत्सम - तत् + सम (अर्थात् संस्कृत के समान ।)
तत् का अर्थ उसके एवं सम का अर्थ समान होता है ।
तद्भव क्या है ?
तद्भव - तत् + भव (अर्थात् संस्कृत से उत्पन्न )
तत् का अर्थ उसके एवं भव का अर्थ उत्पन्न होना होता है ।
Tatsam kise kahate hai
तत्सम किसे कहते है ?
तत् + सम अर्थात् उसके (संस्कृत के) समान शब्द
तत्सम ऐसे शब्द को कहते है जो हिंदी के शब्द नहीं है बल्कि ये संस्कृत के शब्द होते है ।
संस्कृत के शब्दो को ज्यों का त्यों हिंदी भाषा में बोलने के लिए ले लिया गया है, इस कारण इन्हें तत्सम शब्द कहते है । तत्सम संस्कृत के शुद्ध शब्द होते है । सिर्फ हिंदी में ही नहीं बल्कि मलयालम, कन्नड़, मराठी शब्दो में भी तत्सम(संस्कृत के समान) शब्द देखने को मिल जायेंगे ।
Tatsam Ke Udaharan
तत्सम शब्दो के उदाहरण - आम्र , कर्म, अग्नि , कुमार, अमूल्य , गृह , क्षेत्र , उलूक , अज्ञान , अन्धकार , चंद्र , माता , मत्स्य , कदली ये सभी तत्सम शब्द ( Tatsam Shabd ) है ।
तद्भव शब्द किसे कहते है ?
तत् + भव = तद्भव अर्थात ( संस्कृत से उत्पन्न हिंदी शब्द )
ऐसे शब्द जो संस्कृत शब्द नही है लेकिन संस्कृत से मिलते जुलते शब्द है, उन्हे तद्भव शब्द ( Tadbhav Shabd ) कहा जाता है ।
तद्भव शब्दों के उदाहरण -
आम, काम, आग, लड़का, घर, अंधेरा, चांद, मां, मछली आदि ये सभी तद्भव शब्द होते है । आइए अब हम कुछ तत्सम शब्द को तद्भव में बदल कर देखते है ।
Tatsam Tadbhav Udaharan
तत्सम शब्दो का तद्भव रूप -
तत्सम ---- तद्भव
संस्कृत ---- हिंदी
1) आभीर ---- अहेर ।
2) आर्य ---- आरज ।
3) अनार्य ---- अनाड़ी ।
4) आश्विन ---- आसोज ।
5) आश्चर्य ---- अचरज ।
6) आम्रचूर्ण ---- अमचूर ।
7) आमलक ---- आँवला ।
8) अमूल्य ---- अमोल ।
9) अंगुलि ---- अँगुरी ।
10) उद्वर्तन ---- उबटन ।
11) उत्साह ---- उछाह ।
12) ऊषर ---- ऊसर ।
13) कृष्ण -- किसन ।
14) कार्तिक ---- कातिक ।
15) कार्य ---- कारज ।
16) कर्म ---- काम ।
17) किंचित ---- कुछ ।
18) कदली ---- केला ।
19) गोमय ---- गोबर ।
20) गृहिणी ---- घरनी ।
21) धृत ---- घी ।
22) चंद्र ---- चाँद ।
23) चंडिका ---- चाँदनी ।
24) चित्रकार ---- चितेरा ।
25) यज्ञोपवीत ---- जनेऊ ।
26) ज्येष्ठ ---- जेठ ।
27) जामाता ---- जवाई ।
28) जिह्वा ---- जीभ ।
29) ज्योति ---- जोत ।
30) यव ---- जौ ।
31) दंष्ट्रा ---- दाढ़ ।
32) दृष्टि ---- दीठि ।
33) दूर्वा ---- दूब ।
34) दुग्ध ---- दूध ।
35) द्विप्रहरी ---- दुपहरी ।
36) धरित्री ---- धरती ।
37) पंक्ति ---- पंगत ।
38) पक्वान्न ---- पकवान ।
39) पाषाण ---- पाहन ।
40) प्रतिच्छाया ---- परछाई ।
41) पत्र ---- पत्ता ।
42) बुभुक्षित ---- भूखा ।
43) भाद्रपद ---- भादौं ।
44) मक्षिका ---- मक्खी ।
45) मशक ---- मच्छर ।
46) मिष्टान्न ---- मिठाई ।
47) मौक्तिक ---- मोती ।
48) मर्कटी ---- मकड़ी ।
49) मश्रु ---- मूँछ ।
50) श्यामल ---- साँवला ।
51) श्रेष्ठी ---- सेठी ।
52) शृंगार ---- सिंगार ।
53) हरिद्रा ---- हल्दी ।
54) हास्य ---- हँसी ।
55) एला ---- इलायची ।
56) नारिकेल ---- नारियल ।
57) वट ----- बड़ ।
58) अमृत ---- अमिय ।
59) वधू ---- बहू ।
60) अगाणित ---- अनगणित ।
61) राजपुत्र ---- राजपूत ।
62) लौह ---- लोहा ।
63) लवंग ---- लौंग ।
64) लोमशा ---- लोमड़ी ।
65) सप्तशती ---- सतसई ।
66) फाल्गुन ---- फागुन ।
67) वज्रांग ---- बजरंग ।
68) वल्स ---- बच्चा/बछड़ा ।
69) वरयात्रा ---- बरात ।
70) बलीवर्द ---- वैल ।
71) धूम ---- धुंआ ।
72) नक्षत्र ---- नखत ।
73) नापित ---- नाई ।
74) निष्ठुर ---- निठुर ।
75) निद्रा ---- नींद ।
76) नयन ---- नैन ।
77) तपस्वी ---- तपसी ।
78) त्रीणि ---- तीन ।
79) तुंद ---- तोंद ।
80) स्तन ---- धन ।
81) दधि ---- दही ।
82) चतुष्पद ---- चौपाया ।
83) चैत्र ---- चैत ।
84) छिद्र ---- छेद ।
85) यमुना ---- जमुना ।
86) यज्ञोपवीत ---- जनेऊ ।
87) ज्येष्ठ ---- जेठ ।
88) कुक्षि ---- कोख ।
89) केवर्त ---- केवट ।
90) क्षीर ---- खीर ।
91) क्षेत्र ---- खेत ।
92) गायक ---- गवैया ।
93) गर्दभ ---- गधा ।
94) ग्रंथि ---- गाँठ ।
95) गोधूम ---- गेहूँ ।
96) ग्रामीण ---- गँवार ।
97) उलूखल ---- ओखली ।
98) उच्छवास ---- उसास ।
99) किरण ---- किरन ।
100) कटु ---- कड़वा ।
ऊपर में हमने 100 Tatsam Shabd को Tadbhav shabd में बदला है । शब्द हमारी भाषा का मूल आधार होते हैं जिनके द्वारा हम अपने भावों, विचारों, अनुभवों, और ज्ञान का व्यक्तिगत अभिव्यक्ति करते हैं। हमारी भाषा विशाल है और हजारों शब्दों से मिलकर बनी होती है। नीचे अधिक से अधिक शब्दों की एक सूची दी गई है: तत्सम शब्द , तद्भव शब्द के बारे में 10 - 10 बिंदू, तत्सम शब्द और तद्भव शब्द हमारी भाषा के विभिन्न शब्दों का उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकरण होते हैं। नीचे दिए गए 10 - 10 बिंदु जो इन दोनों प्रकार के शब्दों के बारे में हैं:
तत्सम शब्द ( Tatsam Shabd ):-
तत्सद -: सत्य हैं।
तत्व -: वस्तु का सत्य रूप।
तारक-: तारे की तरह चमकने वाला शब्द।
धनुष-: तीर चलाने के लिए उपयोग किया जाने वाला शब्द।
विशाल-: बहुत बड़ा या विस्तृत।
देव-: देवता, भगवान।
सिंह-: शेर।
स्वर्ग-: दिव्य लोक, स्वर्गलोक।
गुरु-: शिक्षक, मार्गदर्शक।
विद्या-: ज्ञान या शिक्षा।
तद्भव शब्द ( Tadbhav Shabd ):-
गंगा -: नदी।
भारत -: भारत देश।
धरती -: पृथ्वी, भूमि।
माँस -: गोश्त के रूप में खाया जाने वाला ।
रंग -: रंगों का नाम।
सुबह -: भोर, सबेरा ।
दोस्त -: अच्छे रिश्तेदार या साथी।
साथ -: संगी, मिलकर किया जाने वाला काम ।
हिंदी व्याकरण से सम्बन्धित कुछ बाते -
हिंदी व्याकरण उन नियमों और निर्देशों का अध्ययन है जो हिंदी भाषा में शब्दों के उचित उपयोग, वाक्यों के तैयारी और वाक्य संरचना के बारे में बताते हैं। हिंदी व्याकरण की मुख्य विषयों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
वर्णमाला - हिंदी भाषा के वर्णों का अध्ययन करता है।
शब्द रचना - हिंदी भाषा के शब्दों के रचना के बारे में बताता है।
वाक्य रचना - हिंदी भाषा में वाक्यों के रचना के बारे में बताता है।
संज्ञा - हिंदी भाषा में संज्ञाओं के बारे में बताता है।
सर्वनाम - हिंदी भाषा में सर्वनामों के बारे में बताता है।
क्रिया - हिंदी भाषा में क्रियाओं के बारे में बताता है।
काल - हिंदी भाषा में काल के तीनों रूपों (वर्तमान, भूतकाल, भविष्यत् काल) के बारे में बताता है।
वाच्य - हिंदी भाषा में वाच्य के तीनों प्रकार (कर्तव्यवाची, भाववाची, ज्ञानवाची) के बारे में बताता है।
इसके अलावा, हिंदी व्याकरण में अन्य महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं, जैसे कि:-
संधि - हिंदी भाषा में संधि के बारे में बताता है, जो दो या अधिक शब्दों के आपसी मिलन का प्रतिनिधित्व करता है।
समास - हिंदी भाषा में समासों के बारे में बताता है, जो दो या अधिक शब्दों का समूह होते हैं जो एक नया शब्द बनाते हैं।
अलंकार - हिंदी भाषा में अलंकार के बारे में बताता है, जो शब्दों के उचित उपयोग के माध्यम से उनके सुंदर और चमकदार प्रयोग का प्रतिनिधित्व करता है।
विराम चिह्न - हिंदी भाषा में विराम चिह्नों के बारे में बताता है, जो वाक्य के अंत में उपयोग किए जाते हैं या अन्य स्थानों पर वाक्य को विभाजित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
वाक्य अशुद्धियाँ - हिंदी भाषा में वाक्यों की अशुद्धियों के बारे में बताता है, जैसे कि वाक्य के अनुचित उपयोग, वाक्य की अनुचित व्याकरण, वाक्य की अव्यवस्थितता आदि।
आशा करते है कि इस ब्लॉग पोस्ट में आपको तत्सम शब्दो से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे ।